गणेश आरती
🕉️ श्री गणेश आरती
विघ्नहर्ता गणपति की महिमा
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📿 आध्यात्मिक महत्व
> "गणपति बप्पा की कृपा से मनोबल बढ़ता है, जीवन में शांति और समृद्धि आती है, तथा सभी कार्य सिद्ध होते हैं।"
भगवान गणेश सभी देवों में प्रथम पूज्य देव हैं। बप्पा की पूजा से मनुष्य को यश, वैभव और ज्ञान की प्राप्ति होती है।
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🌟 आरती का महत्व
हिंदू धर्म में सभी देवों की पूजा के बाद आरती की जाती है। मान्यता है कि श्री गणेश जी की आरती से वे शीघ्र प्रसन्न होते हैं और भक्तों को मनोकामना पूर्ति का आशीर्वाद देते हैं।
🎵 आज की आरती संग्रह
यहाँ प्रस्तुत हैं श्री गणेश की 3 प्रसिद्ध आरतियाँ:
1. 🔥 जय गणेश जय गणेश - क्लासिक आरती
2. 🌺 सुखकर्ता दुखहर्ता - कष्ट निवारण के लिए
3. 🌸 शेंदुर लाल चढायो - मंगलकामना के लिए
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📖 आरती पाठ
🕉️ पहली आरती - श्री गणेश
```sanskrit
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी।
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
पान चढ़े फूल चढ़े और चढ़े मेवा।
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
‘सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी ।
कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
```
[आरती का पूरा पाठ यहाँ जारी रखें...]
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🌺 दूसरी आरती - सुखकर्ता दुखहर्ता
```sanskrit
सुखकर्ता दुखहर्ता वार्ता विघ्नाची,
नुरवी पूर्वी प्रेम कृपा जयाची।
सर्वांगी सुंदर उटी शेंदुराची,
कंठी झळके माळ मुक्ताफळाची।।
जय देव जय देव जय मंगलमूर्ती,
दर्शनमात्रे मनकामना पुरती।
जय देव जय देव ||
रत्नखचित फरा तुज गौरीकुमरा,
चंदनाची उटी कुमकुम केशरा।
हीरे जडित मुकुट शोभतो बरा,
रुणझुणती नूपुरे चरणी घागरिया।।
जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति,
दर्शनमात्रे मनःकमाना पूर्ति।
जय देव जय देव।
लम्बोदर पीताम्बर फनिवर वंदना,
सरळ सोंड वक्रतुंडा त्रिनयना।
दास रामाचा वाट पाहे सदना,
संकटी पावावे निर्वाणी रक्षावे सुरवर वंदना।।
जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति,
दर्शनमात्रे मनःकमाना पूर्ति।
जय देव जय देव।
```
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🌸 तीसरी आरती - शेंदुर लाल चढायो
```sanskrit
शेंदुर लाल चढायो अच्छा गजमुखको।
दोंदिल लाल बिराजे सुत गौरीहरको॥
हाथ लिये गुडलड्डू साई सुरवरको।
महिमा कहे न जाय लागत हूँ पदको॥
जय जय श्री गणराज विद्या सुखदाता।
धन्य तुम्हारा दर्शन मेरा मन रमता॥
अष्टी सिद्धी दासी संकटको बैरी।
विघ्नविनाशन मंगलमूरत अधिकाई॥
कोटीसुरजप्रकाश ऐसी छबि तेरी।
गंडस्थलमदमस्तक झुले शशिबहारी॥
जय जय श्री गणराज विद्या सुखदाता।
धन्य तुम्हारा दर्शन मेरा मन रमता॥
भावभगतिसे कोई शारणागत आवे।
संतति संपति सबही भरपूर पावे।
ऐसे तुम महाराज मोको अति भवे
गोसावीनंदन निशिदिन गुण गावे॥
जय जय श्री गणराज विद्या सुखदाता।
धन्य तुम्हारा दर्शन मेरा मन रमता॥
```
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🙏 आरती के लाभ
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💡 आरती करने की विधि
1. तैयारी - स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें
2. दीप जलाएं - घी या तेल का दीपक जलाएं
3. भक्ति भाव - मन में श्रद्धा और भक्ति रखें
4. मंत्र जाप - आरती के साथ मंत्र का जाप करें
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🏛️ DailyMandir द्वारा प्रकाशित • 📅 May 15, 2025
गणपति बप्पा मोरया! 🐘✨